
Anuprati Coaching Yojana – राजस्थान में निःशुल्क कोचिंग सुविधा
- by lokpahal
भारत जैसे विविधता से भरे देश में शिक्षा को समान रूप से सभी वर्गों तक पहुँचाना हमेशा से एक चुनौती रही है। आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक असमानताओं के कारण कई होनहार विद्यार्थी अपने सपनों को साकार नहीं कर पाते। राजस्थान सरकार द्वारा प्रारंभ की गई अनुप्रति कोचिंग योजना (Anuprati Coaching Yojana) इस असमानता को दूर करने का एक प्रभावी प्रयास है। यह योजना राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर, पिछड़े, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग सुविधा प्रदान करती है।
अनुप्रति कोचिंग योजना का उद्देश्य
अनुप्रति कोचिंग योजना (Anuprati Coaching Yojana) की शुरुआत वर्ष 2021 में राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी द्वारा की गई थी। योजना का मूल उद्देश्य ऐसे विद्यार्थियों को सक्षम बनाना है जो प्रतिभाशाली होते हुए भी आर्थिक कठिनाइयों के कारण कोचिंग की महंगी फीस नहीं चुका सकते। इस योजना के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कोई भी विद्यार्थी केवल आर्थिक वजहों से अपने लक्ष्य से पीछे न हटे।
राजस्थान सरकार का यह मानना है कि हर विद्यार्थी को समान अवसर मिलना चाहिए, चाहे उसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि कैसी भी हो। यही सोच इस योजना की नींव बनी, जो अब तक हजारों विद्यार्थियों के जीवन को दिशा दे चुकी है।
पात्रता और चयन प्रक्रिया
अनुप्रति कोचिंग योजना (Anuprati Coaching Yojana) का लाभ लेने के लिए विद्यार्थियों को कुछ निर्धारित मापदंडों को पूरा करना होता है। यह मापदंड इस प्रकार हैं:
- आवेदक राजस्थान राज्य का मूल निवासी होना चाहिए।
- परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- विद्यार्थी को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं और 12वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
- विद्यार्थी को प्रतियोगी परीक्षा के लिए पात्रता रखते हुए योजना के अंतर्गत आयोजित चयन परीक्षा में सफल होना आवश्यक है।
इसके अतिरिक्त, कुछ विशेष श्रेणियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था भी इस योजना में की गई है ताकि सामाजिक समावेश को बढ़ावा मिल सके।
अनुप्रति कोचिंग योजना किन परीक्षाओं के लिए मिलती है कोचिंग सुविधा?
इस योजना के अंतर्गत कई प्रकार की प्रतिष्ठित और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जाती है, जिनमें मुख्यतः निम्नलिखित शामिल हैं:
- भारतीय सिविल सेवा परीक्षा (UPSC, RPSC)
- इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (IIT-JEE, REET)
- मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET)
- न्यायिक सेवा परीक्षाएं (RJS)
- बैंकिंग, SSC, रेलवे जैसी सरकारी नौकरी की परीक्षाएं
- NDA, CLAT, CA, CS, CAT जैसी अन्य महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाएं
सरकार इन सभी परीक्षाओं के लिए राज्य के शीर्ष कोचिंग संस्थानों के साथ साझेदारी करती है और चयनित विद्यार्थियों को इन संस्थानों में निःशुल्क कोचिंग दिलवाती है।
अनुप्रति कोचिंग योजना के अंतर्गत मिलने वाली सहायता
यह योजना केवल कोचिंग की फीस तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें विद्यार्थियों को समग्र सहायता प्रदान की जाती है ताकि वे पूरी तरह से अध्ययन में केंद्रित रह सकें। योजना के तहत मिलने वाली सुविधाओं में शामिल हैं:
- मान्यता प्राप्त और अनुभवी कोचिंग संस्थानों में निःशुल्क प्रवेश
- मासिक छात्रवृत्ति या वजीफा
- पुस्तकें और अध्ययन सामग्री
- ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों तरह की कक्षाएं
- नियमित टेस्ट सीरीज और मॉक इंटरव्यू
- परामर्श और मेंटरशिप सुविधा
सरकार इन सभी आवश्यकताओं का वहन करती है जिससे विद्यार्थियों को किसी प्रकार की आर्थिक चिंता न हो और वे अपने लक्ष्य की ओर बिना किसी रुकावट के अग्रसर हो सकें।
योजना की सफलता और प्रभाव
अनुप्रति कोचिंग योजना (Anuprati Coaching Yojana) के माध्यम से अब तक हजारों विद्यार्थियों को लाभ प्राप्त हुआ है। इनमें से कई विद्यार्थियों ने UPSC, RAS, NEET और JEE जैसी परीक्षाओं में शानदार प्रदर्शन किया है। इस योजना ने न केवल विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनने में सहायता की है बल्कि उनके परिवार और समाज को भी नई दिशा दी है।
यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे कस्बों के उन विद्यार्थियों के लिए भी उम्मीद की किरण बनी है, जिनके पास सीमित संसाधन होते हैं। इससे शैक्षणिक असमानता को कम करने में भी मदद मिली है।
निष्कर्ष
अनुप्रति कोचिंग योजना (Anuprati Coaching Yojana) शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल है, जो समान अवसर और सामाजिक न्याय की दिशा में एक सशक्त कदम है। यह योजना यह प्रमाणित करती है कि अगर सरकार इच्छाशक्ति दिखाए तो समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी मुख्यधारा में लाया जा सकता है। यह न केवल शिक्षा को सुलभ बनाती है, बल्कि एक समावेशी समाज के निर्माण में भी योगदान देती है। हर वह विद्यार्थी जो बड़े सपने देखता है लेकिन संसाधनों के अभाव में उन्हें साकार नहीं कर पाता, उसके लिए यह योजना एक संजीवनी की तरह है।