
Lado Protsahan Yojana – बेटियों को मिलेगी 1 लाख रुपए की सहायता
- by lokpahal
भारत में लंबे समय से बेटियों को लेकर समाज में अनेक प्रकार की रूढ़िवादी सोच और भेदभावपूर्ण व्यवहार देखने को मिलता रहा है। लेकिन समय के साथ सरकारें और समाज इस सोच को बदलने की दिशा में सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। इसी क्रम में हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई लाड़ो प्रोत्साहन योजना एक महत्वपूर्ण और प्रभावी पहल है, जिसका मुख्य उद्देश्य बेटियों को शिक्षा, आत्मनिर्भरता और सामाजिक सम्मान की ओर प्रेरित करना है।
लाड़ो प्रोत्साहन योजना क्या है?
लाड़ो प्रोत्साहन योजना (Lado Protsahan Yojana) हरियाणा राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2015 में शुरू की गई एक सामाजिक कल्याण योजना है। इसका उद्देश्य बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देना और बाल विवाह को रोकना है। इस योजना के अंतर्गत सरकार उन परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जो अपनी बेटियों को 18 वर्ष की आयु तक पढ़ाते हैं और उनका विवाह तय समय से पहले नहीं करते।
सरल शब्दों में कहें तो यह योजना बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और स्वाभिमान से जुड़ी एक दूरदर्शी नीति है, जो “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” के मूल मंत्र को साकार करती है।
लाड़ो प्रोत्साहन योजना के प्रमुख उद्देश्य
- लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहन देना।
- बाल विवाह की प्रथा पर रोक लगाना।
- परिवारों को बेटियों को लेकर सकारात्मक सोच के लिए प्रेरित करना।
- लड़कियों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना।
- लिंग अनुपात में सुधार लाना।
लाड़ो प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ
इस योजना के तहत सरकार बेटियों के नाम पर उनके बैंक खाते में एक निश्चित धनराशि जमा करती है, जिसे वे 18 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद निकाल सकती हैं, बशर्ते उन्होंने शिक्षा जारी रखी हो और उनका विवाह इससे पूर्व न हुआ हो।
प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
- जन्म के समय एकमुश्त राशि लड़की के नाम पर जमा की जाती है।
- 6, 9, 12 और 18 वर्ष की आयु पर विभिन्न किश्तों में आर्थिक सहायता दी जाती है।
- यदि बेटी 12वीं कक्षा उत्तीर्ण कर लेती है, तो उसे एक विशेष प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
पात्रता की शर्तें
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित पात्रता शर्तें लागू होती हैं:
- लड़की हरियाणा राज्य की निवासी होनी चाहिए।
- परिवार की वार्षिक आय सरकार द्वारा निर्धारित सीमा के अंतर्गत होनी चाहिए (आमतौर पर 2 लाख रुपये तक)।
- बेटी का जन्म सरकारी अस्पताल या मान्यता प्राप्त संस्थान में हुआ हो।
- बेटी की पढ़ाई जारी रहनी चाहिए और उसका विवाह 18 वर्ष से पूर्व न हुआ हो।
लाड़ो प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया
लाड़ो योजना के अंतर्गत आवेदन की प्रक्रिया बहुत सरल है:
- नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र या समाज कल्याण विभाग कार्यालय से फॉर्म प्राप्त करें।
- आवश्यक दस्तावेज़ जैसे जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, माता-पिता की पहचान, आय प्रमाण पत्र आदि संलग्न करें।
- पूर्ण रूप से भरे हुए फॉर्म को संबंधित कार्यालय में जमा करें।
- सत्यापन के पश्चात योजना के अंतर्गत धनराशि लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाती है।
इस योजना का सामाजिक प्रभाव
लाड़ो प्रोत्साहन योजना (Lado Protsahan Yojana) ने अब तक हजारों परिवारों को यह विश्वास दिलाया है कि बेटियां बोझ नहीं, बल्कि शक्ति और सम्मान का प्रतीक हैं। इस योजना की सफलता से हरियाणा जैसे राज्य, जो कभी लिंग अनुपात के मामले में पिछड़ा हुआ माना जाता था, आज बेटियों की शिक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव देख रहा है।
कुछ प्रमुख प्रभाव:
- लड़कियों के स्कूल छोड़ने की दर में कमी।
- बाल विवाह के मामलों में गिरावट।
- परिवारों का सोच में सकारात्मक परिवर्तन।
- महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा।
निष्कर्ष
लाड़ो प्रोत्साहन योजना (Lado Protsahan Yojana) केवल एक सरकारी सहायता योजना नहीं है, बल्कि यह समाज में एक मानसिकता को बदलने का अभियान है। यह बेटियों के लिए सम्मान, सुरक्षा और समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में एक सशक्त पहल है। यदि इस योजना को सही रूप से क्रियान्वित किया जाए, तो यह न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल बन सकती है।
बेटी है तो कल है – और लाड़ो योजना उस कल को उज्ज्वल बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।