UP में हुआ बड़ा रेल हादसा, रेड सिग्नल पर खड़ी एक मालगाड़ी को दूसरी ने मार दी टक्कर, दोनों लोको पायलट की हालत गंभीर
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में मंगलवार सुबह बड़ा रेल हादसा हो गया, जब डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) रेलवे लाइन पर दो मालगाड़ियां आपस में टकरा गईं। हादसा सुबह करीब 8 बजे हुआ, जब एक खड़ी मालगाड़ी को पीछे से आ रही दूसरी तेज रफ्तार मालगाड़ी ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि इंजन समेत गार्ड का डिब्बा पटरी से उतरकर रेलवे लाइन के किनारे जा गिरा। इस हादसे में दोनों मालगाड़ियों के लोको पायलट गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।
यह हादसा रेल मंत्रालय के अधीन आने वाली कंपनी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) द्वारा बनाए गए विशेष मालगाड़ी ट्रैक पर हुआ। जानकारी के मुताबिक, कानपुर-फतेहपुर के बीच खागा के पास पामभीपुर में सिग्नल रेड होने के कारण एक मालगाड़ी ट्रैक पर खड़ी थी। इसी दौरान पीछे से तेज रफ्तार से आ रही दूसरी मालगाड़ी ने उसे टक्कर मार दी।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, टक्कर इतनी भीषण थी कि खड़ी मालगाड़ी का इंजन और गार्ड का डिब्बा पटरी से उतरकर किनारे जा गिरा। हादसे के बाद मालगाड़ी की पटरी क्षतिग्रस्त हो गई, जिसके चलते रेलवे अधिकारियों को तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करना पड़ा।
लोको पायलट गंभीर रूप से घायल
हादसे में दोनों मालगाड़ियों के लोको पायलट गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें नजदीकी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक दोनों लोको पायलट की हालत गंभीर बनी हुई है। हादसे की गंभीरता को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया और क्षतिग्रस्त पटरी को जल्द से जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दिए।
रेल प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
इस हादसे को गंभीरता से लेते हुए रेलवे प्रशासन ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। अधिकारियों के मुताबिक इसकी जांच की जाएगी कि यह मानवीय भूल का नतीजा था या किसी तकनीकी खराबी के कारण। डीएफसीसीआईएल के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम भी मौके पर पहुंच गई है और जांच कर रही है।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
यह पहली बार नहीं है कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर इस तरह का हादसा हुआ हो। इससे पहले भी मालगाड़ियों के टकराने या पटरी से उतरने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। हालांकि रेलवे प्रशासन समय-समय पर सुरक्षा उपायों की समीक्षा करता रहता है, लेकिन ऐसी घटनाएं सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं।
मालगाड़ी इंजन को धक्का देकर आगे बढ़ गई
दरअसल, एनटीपीसी में बने कोल हैंडलिंग प्लांट से एक मालगाड़ी कोयला लेकर आ रही थी। मालगाड़ी का इंजन पीछे लगा हुआ था, जिसे करीब चार किलोमीटर आगे अरखा रेलवे स्टेशन पर बदला जाना था। इसी दौरान मालगाड़ी की पटरी पर अचानक सामने से एक रेल इंजन आ गया, जिससे मालगाड़ी और रेल इंजन आपस में टकरा गए। मालगाड़ी इंजन को धक्का देकर आगे बढ़ गई और दोनों ट्रेनें पटरी से उतर गईं। इस हादसे में इंजन का लोको पायलट और एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया है।
मौके पर मरम्मत का काम जारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूचना मिलते ही रेलवे और एनटीपीसी के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। दुर्घटनास्थल पर सीआईएसएफ के जवानों को तैनात कर पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। परियोजना जनसंपर्क अधिकारी कोमल शर्मा ने बताया कि मरम्मत का काम जारी है।
निष्कर्ष
हादसा एक गंभीर चेतावनी है कि रेलवे ट्रैक पर सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की जरूरत है। इस तरह की घटनाएं चिंता का विषय हैं, खासकर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर जैसे महत्वपूर्ण रेल नेटवर्क पर। रेलवे प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं और लोको पायलटों की सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाए। फिलहाल रेलवे और प्रशासन की प्राथमिकता जल्द से जल्द ट्रैक की मरम्मत कर यातायात बहाल करना है।